Category: Yatra Katha
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Yatra Katha
कहते हैं कि पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं – कुछ ऐसा ही रवि के साथ हुआ. जन्म के तुरंत बाद नर्स रवि को गोद में लेकर बाहर आई और उसके पापा के हाथ में देकर बोली – ‘बधाई हो, बेटा हुआ है’. पापा ने ध्यान से देखा और उसकी दादी को…