Author: admin
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अलाव की अग्नि और फेरे
दिसम्बर का महीना और कड़ाकेदार ठण्ड पड़ रही थी। सुबह से ही घर में खूब चहल-पहल थी। आज दादाजी और दादीजी की शादी की 50वीं वर्षगाँठ थी। बहुत समय बाद हमारी पुश्तैनी कोठी में पूरा परिवार इकठ्ठा हुआ था। भुआजी तो 7 दिन पहले ही आ गई थीं। पापा, मम्मी, भैया और मैं लन्दन से…
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रिश्तों में मिठास
शीतल खुश होकर सातवें आसमान पर उड़ रही थी क्योंकि उसका रिश्ता मनपसंद जगह हुआ था। माँ-बाप का इकलौता खूबसूरत लड़का, शादीशुदा बहन, बड़े-बड़े घरों में रिश्तेदारियां, दुनिया के कई देशों में फैला हुआ व्यापार। राघव से रोज घंटों बात होती थी। हनीमून के लिए कहाँ जाना है वह भी पक्का हो चुका था। आखिरकार…
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सिलाई मशीन एक सहारा
अगस्त 1947, विभाजन का समय और लाहौर शहर। पैसे वाले हिंदुओं की एक बस्ती। चारों और से जोर-जोर से समूहों में चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही थी – मारो, मारो। अल्लाहो-अकबर। बीच-बीच में हर हर महादेव का घोष भी सुनाई दे जाता था। बच्चे माँ की गोद में दुबके पड़े थे। माँओं की सिसकियाँ…